27/07/22
Indu Bala Singh
रम्या जी अपनी बहन से मिलने के लिये तरसती रहतीं थी । उनकी बड़ी कुन्नो का ब्याह गाँव में हुआ था। खूब जायदाद थी गाँव में उसके पति की। कुन्नो की एक बेटी थी। उसके पति ब्याह के कुछ वर्षों बाद ही गुज़र गये थे ।
कुन्नो की बिटिया की तेज क़िस्मत थी । उसका ब्याह सरकारी कालेज के लेक्चरर से हुआ था।
कुन्नो के दामाद सुमित को रम्या जी का फ़ोन नम्बर मिल गया। चूँकि रम्या जी बम्बई शहर में रहतीं थी तो सुमित उनसे खूब बातें करते थे ।
एक बार सुमित ने कहा रम्या जी से - ‘ मौसी आपसे मिलने का मन करता है ।’
रम्या जी खुश हुईं।उन्होंने कहा - ‘ आना तो अपने बच्चों को ले आना और अपनी सास को भी ले आना । बहन से मिले कितने बरस हो गये।’
उसके बाद से सुमित का फ़ोन आना बंद हो गया ।
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