#इन्दु_बाला_सिंह
मेरी मम्मा को तुमने डाँटा !
दो साल की बच्ची को मम्मी ने काफ़ी देर तक
झूला झुला दिया था ।
अब बच्ची पार्क से लौटने को तैयार नहीं ।
मम्मी बोली - मैं जा रही हूँ । बाई ।
बच्ची सी- सा के एक साइड पर चुप से बैठ गई ।
मैं वॉकिंग कर रही थी ट्रैक पर और यह सब देख
रही थी ।
अब मम्मी आई और अपनी बच्ची की पीठ पर
दो चाँटा लगाई ।उसे खींच कर ले जाने को वह
आतुर थी पर बच्ची टस से मस न हुई ।
अरे न मारिये ।- मेरे मुँह से अनायास निकल
पड़ा ।
देखिये न ! यह चलती ही नहीं है । कितने देर
तक खेल चुकी है ।- मम्मी जी के मुँह से निकल
पड़ा ।
बच्ची को लगा मैं उसकी मम्मी को डाँट रही हूँ ।
वह तुरंत सी सा से उठ गयी और अपनी मम्मी के
पास आ गयी ।
आंटी को बाई करो । - मम्मी जी ने अपनी
बिटिया से कहा ।
और बच्ची ने मुझे अपनी नन्ही हथेली से चट से
मारा । अब वह अपनी शिकायती आँखों से मुझे
देख रही थी ।
अरे ! तुमने क्यों मारा आंटी को ?
जाने दीजिये ।- मेरे मुँह से निकल पड़ा ।
मैंने मुस्कुरा कर बच्ची का चेहरा देखा और कहा
- कल फिर मिलेंगे ।
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