Tuesday, October 24, 2023

बचपन - 2. वह चार वर्षीय बच्चा



#इन्दु_बाला_सिंह 


सुधीर किण्डर गार्टेन में के० जी० का छात्र था । 


उसकी माँ ने एक बार मुझसे बात क्या कर ली वह मुझे अपना दोस्त मान लिया । 


कहाँ मेरी अधेड़ उम्र और वो नन्हा सा बच्चा ।


दूसरी बार जब वह मुझे पार्क में देखा  तो खुश हो गया । और ख़ुशी में दौड़ लगाने लगा ।


तीसरा दिन 


वह मुझे देखते ही मुझे हथेली से पिस्तौल बना कर मेरा ध्यान आकर्षित करने लगा ।


मैंने कहा - अरे तुम मुझे गोली मारोगे ?


और वह भाग गया ।


मैंने सोंचा - कैसी माँ है इसकी ? यह बच्चा कैसा खेल 


खेल रहा है । कहाँ से सीखा इसने गोली चलाने का 


खेल । 


चौथे दिन फिर उसने ख़ाली हथेली से  गोली चलाने  


का अभिनय किया । 


थोड़ी देर में वह  ख़ुद दौड़ने लगा ।


चौथे दिन वह अपनी माँ के साथ था । 


इस बार उसने कहा मैं आप दोनों को जेल में बंद कर दूँगा ।


 फिर उसे याद आया अपनी माँ को जेल में बंद 


करना ग़लत बात है ।


उसने  अपनी माँ से कहा - मैं आपको जेल में नहीं 


बंद करूँगा ।


फिर मेरी और देख कर उसने कहा - मैं आपको जेल 


में बंद कर दूँगा ।


उच्च पदस्थ अधिकारी माँ अपने बच्चे की बातें सुन 


आवक् रह गयी ।


और मैं सोंच रही थी -  


यह  बच्चा कैसा  युवा बनेगा ?



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