Friday, October 27, 2023

मेरा पढ़ने को बहुत मन करता



#इन्दु_बाला_सिंह 


उस बुजुर्ग महिला से मिली मैं यू ही एक दिन पार्क के ट्रैक पर चलते चलते ।


कभी कभी दिखती थी वह मुझे ।


एक दिन वह खुद बढ़ कर मुझसे बात की।


मध्यवर्गीय घर में  बुजुर्गों का  काम बच्चों को पार्क ले जाना और देखते रहना कि कहीं उनके नाती या पोते को चोट तो न लग गयी ।


बहुत दिन के बाद वह बुजुर्ग महिला फिर मिली और हम दोनों ने अपने अपने मूल घरों का परिचय दिया और लिया ।


‘ मुझे पढ़ना नहीं आता।’ - एक दिन उसने कहा। 


मैं चौंक गयी ।


मैंने उसका मनोबल बढ़ाया । 


‘ -हाँ । आपके पिता को कोई समस्या होगी । इसलिये वे आपको स्कूल न भेज पाये होंगे । अब पढ़ लीजिये अपनी पोती की किताब देख देख कर ।’


वह चुप रह गयी।


कुछ दिन बाद मुझे वह बुजुर्ग महिला   मुझे पार्क में फिर मिल गयी।


 ‘ मेरा बेटा कहता है क़ि क्या करेगी तुम पढ़ कर।……. पर मुझे पढ़ना है ।  मुझे बस और दुकानों  के नाम पढ़ना  है ।’


 मैं दुःखी हुईं उसकी बातें सुनकर ।


फिर वह कहने लगी - ‘ हमारा अपना मकान था । मेरे पति के गुजरने पर मेरी बेटी ने वह मकान ख़रीद लिया मुझसे । उसने मेरे हिस्से का पैसा मुझे दे दिया। और मैंने वह पैसा अपने बेटे को दे दिया। बेटे ने  उस पैसे से यहाँ  एक छोटा मकान ख़रीद लिया ।’


मैं मौन सुन रही थी उसकी बातें ।


फिर वह कहने लगी - 


‘ मेरा बेटा कहता है तुम यहीं रहो । पर मेरी बहु मुझसे  बात नहीं करती है ।’ 


पर मुझे पढ़ना है । मेरी पोती कहती है कि आज़ी ! जब मैं पहली कक्षा में जाऊँगी तब तुम्हें पढ़ाऊँगी ।’


दिल मेरा दुःखी था। नया शहर था । 


शायद उस बुजुर्ग महिला का मुझसे मिलना मेरे नसीब में था ।


और मुझे अपनी माँ याद आयी। 


  मैंने सुना था उसे  पिता को कोसते हुये  - सबको पढ़ाते हैं । मुझे अंग्रेज़ी पढ़ाते तो कम से कम मैं बसों और  दुकानों पर अंग्रेज़ी में लिखे नाम तो पढ़ पाती ।



No comments:

Post a Comment