Friday, October 27, 2023

माँ के सपने

 


Saturday, 13 August 2022


11:PM


#इन्दु_बाला_सिंह


माँ चल नहीं पाती थी। 


पर नहाने के बाद दीवाल पकड़ पकड़ कर आलमारी के पास पहुँचती थी।


आलमारी के एक रैक पर उसके आराध्य शिव थे ।


 मुश्किल से वह धूप बत्ती जला कर अपने आराध्य  के सामने हाथ जोड़ती थी। 


‘ बच्चे जहां रहें खुश रहें ।´


यही प्रार्थना कर  वह अपने ईश्वर के सामने फिर से हाथ जोड़ देती थी ।


माँ के सपने अपने पति से जुड़े थे। 


पति के गुजरने के बाद उसने अपनी स्थिति से समझौता कर लिया था।


उसे अपने बेटों से कोई आकांक्षा नहीं थी ।


सेविका के सहारे अपने मकान में कट गयी उसकी जीवन संध्या ।

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