Wednesday, July 15, 2020

अफसोस शब्द भुला दें


- इंदु बाला सिंह
अफसोस करना भी एक आदत है । मैं कुछ व्यक्तियों के इंटरव्यू पढ़ी । अपनी जीवन सन्ध्या में उन्हें किसी न किसी बात का अफसोस था ।
मेरा यह मानना है कि अगर हम ईमानदारी पूर्वक अपना जीवन जीते हैं तो हमें किसी भी बात का अफसोस नहीं होता । और मूल बात यह है कि हमें अपने निर्णय पर कभी भी अफसोस नहीं करना चाहिये । ' हमनें जो सही समझा वह किया । ' - ऐसा विचार हमेशा हमारे मन को मजबूत बनाता है ।
खुश रहना एक आदत है । यह आदत हमें खुद में डाल लेनी चाहिये । हमें उन मित्रों से मात्र हैलो हाय की दोस्ती रखनी चाहिए जिनसे बात करने पर हमारे मन में नकारात्मक विचार पनपें ।
अपने परिवार के प्रति जितना हो सके हम अपना कर्तव्य निबाहें और अपने मन में कभी यह भाव न रखें कि वह हमारा ख्याल रखेगा । मन में जब हम ' नेकी कर दरिया में डाल ' वाला भाव रखते हैं तो हमारा जीवन खुशहाल रहता है ।

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