Wednesday, July 15, 2020

आखों का दोष


- इंदु बाला सिंह
हर रोज अखबार में चमकती खबरें हैं लूटपाट , छिनैती , बलात्कार , आत्महत्या जैसी ढेर सारी नकारात्मक खबरें । अरे ! खबरें हैं तभी तो छपती हैं । बात तो सही है पर नकारात्मक खबरें हों तो उससे दुगनी मात्रा में सकारात्मक खबरें हों अखबार में । मैं यह नहीं कहती सकारात्मक खबरें नहीं छपती अखबारों में । छपतीं हैं भई पर मुझे तो वे केवल दस प्रतिशत ही दिखतीं हैं । हो सकता है मेरी आँखों का दोष हो ।

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