-इंदु बाला सिंह
स्वेता बैंक कर्मचारी थी | हाल में ही उसका विवाह हुआ था |
" जानती हैं आप ! स्वेता के ससुर उसका सैलेरी पासबुक अपने पास रख लिए हैं | सोंचते हैं कि बहू कहीं अपनी तनख्वाह अपने पिता के घर में न दे दे | " बगल के टेबल पर कापी चेक करते करते धीमे से मिसेज शर्मा ने कहा |
मेरी कलम रूक गयी |
" हां ! ...अरे ? ...." कलम फिर छात्रों की कांपी जांचने लगी |
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