-इंदु बाला सिंह
" मैं भी एक कमरे में रहती हूँ | " उसकी सहकर्मी लड़की माया ने कहा |
एक वर्ष पहले उसकी माँ ने फांसी लगा ली थी और कुछ महीने पश्चात उसके पिता का देहांत हार्ट अटैक से हो गया था |
" तुम अलग खाना बनाती हो ? " आश्चर्य से वह पूछ बैठी |
" और क्या ! मैं तो अपने कमरे का भाड़ा भी भाभी को देती हूँ | पास में अपने लोग रहने से सुरक्षा रहती है | "
माया का समझदार उत्तर पा कर चुप रह गयी वह |
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