Sunday, September 29, 2024

बरसात में ट्यूशन



#इन्दु_बाला_सिंह


मम्मी ट्यूशन के लिये अपने पाँच वर्षीय बेटे को ले जा 


रही थी  ।


बूँदाबाँदी बंद हो चुकी थी पर पार्क का रास्ता भींजा 


था ।


बेटा स्लीपर पहना था । वैसे बरसात में स्लीपर अच्छा 


रहता है ।


बेटा थोड़ी दूर चल कर अपने पंजे देखने लगा ।  


रास्ते के पानी से उसके पंजे भींज रहे थे ।


वह आगे जाना नहीं चाहता था क्यों कि उसके पैर 


भींज रहे थे । हो सकता है उसका ट्यूशन जाने का 


मन न हो इसलिये नख़रा कर रहा हो ।


मेरे बग़ल से जब बच्चे की मम्मी गुजरी तो हंस कर 


बोली -  बेटा बोलता है उसके पैर भींज रहे हैं ।


मैं बोल उठीं - वह गोद में चढ़ कर जाना चाहता है 


थोड़ी देर में बच्चे की मम्मी पलटी - बोलता है मैं भारी 


हूँ ।


मैं मुस्कुरा दी ।


आख़िर बच्चा भींगी सड़क पर ही चल कर अपने 


ट्यूशन टीचर के घर गया ।



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