#इन्दु_बाला_सिंह
मम्मी ट्यूशन के लिये अपने पाँच वर्षीय बेटे को ले जा
रही थी ।
बूँदाबाँदी बंद हो चुकी थी पर पार्क का रास्ता भींजा
था ।
बेटा स्लीपर पहना था । वैसे बरसात में स्लीपर अच्छा
रहता है ।
बेटा थोड़ी दूर चल कर अपने पंजे देखने लगा ।
रास्ते के पानी से उसके पंजे भींज रहे थे ।
वह आगे जाना नहीं चाहता था क्यों कि उसके पैर
भींज रहे थे । हो सकता है उसका ट्यूशन जाने का
मन न हो इसलिये नख़रा कर रहा हो ।
मेरे बग़ल से जब बच्चे की मम्मी गुजरी तो हंस कर
बोली - बेटा बोलता है उसके पैर भींज रहे हैं ।
मैं बोल उठीं - वह गोद में चढ़ कर जाना चाहता है
थोड़ी देर में बच्चे की मम्मी पलटी - बोलता है मैं भारी
हूँ ।
मैं मुस्कुरा दी ।
आख़िर बच्चा भींगी सड़क पर ही चल कर अपने
ट्यूशन टीचर के घर गया ।
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