#इन्दु_बाला_सिंह
मेरा बेटा उसी स्कूल में मिडल स्कूल पढ़ा जहां मैं
शिक्षिका थी ।
बेटा एक क्लास में था । स्कूल जाते और आते समय
मैं उसको हमेशा अपनी गोद में बिठा लेती थी । छोटे
बच्चे का भाड़ा ई रिक्शा में नहीं लगता था ।
बेटे को लगता था शायद कि उसे मैं अपनी गोद में
बिठा कर ले जाती हूँ । न जाने उसके मन में क्या
भाव उठते थे ।
एक दिन बेटे ने ई रिक्शा में ही कहा - मैं बड़ा हो
जाऊँगा तब तुमको अपनी गोद में बैठा के ले
जाऊँगा।
मैं चकित हुई उसकी बात सुनकर ।
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