Sunday, September 29, 2024

ई रिक्शा में



#इन्दु_बाला_सिंह


मेरा बेटा उसी स्कूल में मिडल स्कूल पढ़ा जहां मैं 


शिक्षिका थी ।


बेटा एक क्लास में था । स्कूल जाते और आते समय 


मैं उसको हमेशा अपनी गोद में बिठा लेती थी । छोटे 


बच्चे का भाड़ा ई रिक्शा में नहीं लगता था ।


बेटे को लगता था शायद कि उसे मैं अपनी गोद में 


बिठा कर ले जाती हूँ । न जाने उसके मन में क्या 


भाव उठते थे ।


एक दिन बेटे ने ई रिक्शा में ही कहा -  मैं बड़ा हो 


जाऊँगा तब तुमको अपनी गोद में बैठा के ले 


जाऊँगा।


मैं चकित हुई  उसकी बात सुनकर ।

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