Tuesday, July 31, 2018

बेटी का पैतृक धन



-इंदु बाला सिंह

"हम लोगों ने दोनों बूआ को एक एक मकान और एक एक फैक्ट्री दी है । "

चुभ गया एक कांटा । इस छः क्लास की बच्ची के दिमाग में आखिर किसी ने तो भरी होगी यह बात । रमीशा ने सोंचा ।

जब दोनों बुआओं का ब्याह हुआ था तब इस छः क्लास की बच्ची की मां तो उसके बूआ के घर की बहू भी न बनी थी ।
दोनों बेटियों को उनके ब्याह के समय ही मिस्टर शर्मा ने मकान व फैक्टरी उपहार के रूप में दी थी । वे सोंचते थे , क्या पता कल वे रहें न रहें भाई अपनी बहन को न पहचाने ।हालांकि बेटे के नाम छः तल्ला मकान और एक फैक्ट्री लिख दी थी।

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