09:01 AM
31/07/20
-इन्दु बाला सिंह
सत्यार्थी सरकारी कर्मचारी था । माँ को बुख़ार हुआ ।वह अपने माँ को प्राइवेट अस्पताल में ले गया ।डाक्टर ने भर्ती कर लिया सत्यार्थी जी माँ को । दूसरे दिन डाक्टर छुट्टी पर चला गया । सुनने में आया डाक्टर को कोरोना हो गया है ।
अब सत्यार्थी की माँ को डिस्चार्ज कर दिया गया ।
हार कर सत्यार्थी अपनी माँ को दूसरे प्राइवेट अस्पताल में ले गया। यहाँ डाक्टर ने पेशेंट देखते ही मना कर दिया भर्ती करने को ।क्रोध और छोभ से सत्यार्थी पागल सा हो गया । वह चिल्लाने लगा - मेरी माँ मर रही है और आप उसे भर्ती नहीं कर रहे हैं ?
हॉस्पिटल का मालिक आ गया । पुलिस आ गयी ।
काफी बहस के बाद सत्यार्थी की माँ को अस्पतालवाले भर्ती किये अस्पताल में । दूसरे दिन डाक्टर क्वारंटाइन में चला गया।
सत्यार्थी की माँ को तीन दिन अस्पताल में रख कर डिस्चार्ज कर दिया गया ।
No comments:
Post a Comment