17
November 2015
07:42
-इंदु बाला
सिंह
बच्चा
रबर बाल खेल रहा है पोर्टिको में |
1
ठप्प ..ठप्प
....ठप्प
अरे ! घर में
मत खेलो गेंद ...... बाहर खेलो | - नाना
बाहर तो सड़क
पर गाडियां चलती हैं | - पितृहीन बच्चे ने सोंचा
और एक दिन
गेंद जा लगी पोर्टिको में खुलने वाली कांच पे | टूट गया कांच टुकड़े टुकड़े में |
बच्चे के मां
की सांस उपर की उपर नीचे की नीचे |
बच्चे की
सातवीं कक्षा में पढ़ने वाली बहन ने जमीन पर गिरे एक एक कांच चुना ......फेविकोल से
जोड़ कर खिड़की के पल्ले में वापस चिपकाया |
बच्चे की मां
की जान में जान आयी |
2
ठप्प
.....ठप्प ....ठप्प
बच्चा गेंद
खेल रहा था पोर्टिको में |
दोपहर के तीन
बजे थे |
गेंद खेलता है
....... सोने नहीं देता है | - बगल घर की खिड़की खुली ........ चीखा पड़ोसी |
डर गया बच्चा
|
उसने गेंद
खेलना रोक दिया |
डर गयी बच्चे
की मां |
बच्चे की बहन
कुढ़ गयी |
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