"
तुम हिन्दी विषय नहीं ले सकती M.I.L.में | तुम्हारी मातृभाषा ओड़िया है | तुम्हें ओड़िया कक्षा में ही बैठना होगा | " कक्षा के
मुख्य अध्यापक ने कहा |
शिक्षक तैयार
ही नहीं थे विनीता को हिन्दी कक्षा में बैठने देने को |
" नहीं
सर ! हिन्दी में मेरे नम्बर अच्छे आते हैं | मैं हिन्दी
विषय ही चुनुंगी | " नवम कक्षा की छात्रा विनीता ने जिद किया |
नवम
कक्षा से ही दो सेक्शन बन जाता था
विद्यालय में - ओड़िया सेक्शन और हिन्दी सेक्शन | हिन्दी सेक्शन में जिन छात्रों की
मातृभाषा ओड़िया नहीं है वे बैठते थे और वे हिन्दी विषय ही पढ़ते थे M.I.L. में |
विनीता की जिद
विद्यालय के प्रिंसिपल तक पहूंची |
"
ठीक है | तुम अपने पिता से आप्लिकेसन
लिखवा कर लाओ कि तुम्हें हिन्दी विषय पढ़ने दिया जाय M.I.L. में | " प्रिंसिपल ने विनीता को समझाया |
दुसरे दिन
विनीता ने विद्यालय विनीता ने पिता के हाथ का लिखा हिन्दी पढने देने के लिए अनुरोध पत्र
प्रिंसिपल को दे दिया |
अब विनीता
हिन्दी सेक्शन में बैठने लगी |
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