Monday, March 28, 2016

राहुल की चाची




- इंदु बाला  सिंह

' राहुल ! ' जोर की आवाज लगाई माँ ने ।

राहुल दौड़ के निकला चाची के कमरे से ।

' चाची क्या कर  रही थी  ? '
'  चाची अपना कपड़ा बदल रही थी । ' पांच वर्षीय राहुल  ने उत्तर दिया ।

और उस दिन के बाद से राहुल की माँ   को राहुल की चाची   फूटी आँख नहीं सुहाती थी । 

Thursday, March 24, 2016

मधुर गुलामी



- इंदु बाला सिंह


एक बुजुर्ग महिला गा रही थी -

' जीजी से कर  के बहाना
जीजा मेरे कमरे में आना । '

और मैं सोंच रही थी -

' महिलायें कब आत्मनिर्भर बनेंगीं । क्या इस गीत में पुरुष को ग़ुमराह करने की योजना नहीं है ?  '

Sunday, March 13, 2016

ट्यूशन टीचर की फीस



- इंदु बाला सिंह


' टीचर ! मैं आपकी फीस कल ला दूंगी । कल मेरा आख़िरी दिन है न ट्यूशन में । '

तीसरी कक्षा से उसके पास ट्यूशन पढ़ती आयी यह छात्रा अपने मुहल्ले और कक्षा के चारों सेक्शन में गणित में सबसे ज्यादा नंबर रखनेवाली सबकी ईर्ष्या की पात्र थी ।

केवल तीन दिन पढ़ी थी वह दसवीं की छात्रा इस महीने ट्यूशन में ।

चौंक पड़ी शिक्षिका ।

' कितना फीस दोगी तुम मुझे ? '

' आधे महीने की फीस ।' - कुछ सोंच कर खा छात्रा ने ।

तिपहियावाले अभिभावकों  से छुट्टियों के भी पूरे पैसे लेते थे ।

' नहीं । मैं तीन दिन के पैसे नहीं लुंगी । मैं तो वैसे भी दसवीं कक्षा के छात्रों से आख़िरी महीने की फीस नहीं लेती । अच्छे नंबर लाना बोर्ड की परीक्षा में । ' शिक्षिका ने मुस्कुरा कर कहा ।

' टीचर ! मेरी मम्मी बोलती है पढ़  कर पैसा नहीं देना गलत बात है । '

टीचर का मन भींग गया ।

' तुम बोर्ड एक्जाम का रिजल्ट निकलने पर मुझे मिठाई खिला देना । '

' ठीक है । रिजल्ट निकलने के बाद मैं आपको ढेर सी मिठाई उपहार में दूंगी  । '

Tuesday, March 1, 2016

उफ्फ ! फेल हो गयी


02 March 2016
07:58


-इंदु बाला सिंह


टीचर के हाथ से रिपोर्ट कार्ड ले कर देखते ही  पिता ने फेंक दिया  उसे जमीन पर | बेटी फेल हो गयी थी सालाना परीक्षा में
' मैडम ! मैं इसे और नहीं पढ़ा सकता | यह लड़की आठवीं कक्षा में दो साल पढ़ी | फिर नवीं कक्षा में भी दो साल पढ़ेगी | मैं ऑटो चलाता हूं | कहां से लाऊंगा इतना पैसा | ... एक ग्लास पानी पिलवाईये मैडम |'

' जा पापा के लिये पानी ला | ' टीचर ने आदेश दिया छात्र को |
पानी के संग एक गोली खा लिया अभिभावक ने |

बेटी कक्षा में जार जार रोये जा रही थी |

' अरे आप बेटी का पक्ष नहीं लेंगे तो कौन लेगा | ' अन्य अभिभावक समझाने लगे बौखलाये पिता को |

पिता गुस्से से कक्षा से बाहर निकल गया |


स्कूल में नियम था सालाना परीक्षा फल का रिपोर्ट कार्ड अभिभावक के हाथ में ही दिया जाता था |

लड़की का ब्याह


02 March 2016
07:26

-इंदु बाला सिंह


मिस ! हर साल मैं इस लड़की की स्कूल फीस , बस फीस , ट्यूशन फीस पर पचास हजार खर्च करता हूं अगर किसी हिन्दी मीडियम स्कूल में इसे पढ़ाता तो इन पैसों से  इसका ब्याह किसी अच्छे घर में कर देता |
चालीस वर्षीय अविवाहित शिक्षिका अभिभावक के इस कथन पर सोंच में पड़ गयी |