07 August
2015
07:08
'
भगवन ! आप उस किसान के लिये अभी से स्वर्ग में स्थान आरक्षित कर लिये हैं पर
अपने पुजारी के लिये नहीं | '
एक
दिन एक भक्त भगवान से बोला |
भगवान मौन रहे
|
' यह तेल का
पात्र अपने हाथ में पकड़ कर सारी दुनिया की परिक्रमा करो लेकिन ख्याल रखना एक भी
तेल की बूंद धरती पर न गिरे | ' -भगवान ने एक तेल से भरा पात्र अपने भक्त को पकड़ाते हुये कहा |
भक्त दुनिया
की परिक्रमा कर के लौट आया और तेल का पात्र वापस भगवान को पकड़ा दिया |
' भक्त !
तुमने कितनी बार मेरा स्मरण किया ? '
' भगवन ! मेरा
ध्यान तो तेल के पात्र में था | हमेशा सोंचता रहा कहीं तेल छलक के नीचे न गिर जाय
| मैं सदा इसी चेष्टा में लगा रहा | ' - भक्त ने उत्तर दिया |
' वह किसान भी
जब हर रोज अपना हल बैल ले के जब अपने घर से निकलता है तब मुझे गुहार लगाता है
....हे ईश्वर ! मेरी फसल अच्छी हो ....और फिर वह दिन भर अपने खेतों में मन लगा कर
काम करता है | शाम को अपने वह अपने परिवार के सुख दुःख का ख्याल रखता है | '
भक्त को अपने
प्रश्न का उत्तर मिल गया था |
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