22 May
2014
23:30
-इंदु
बाला सिंह
वह
शहर की लड़की थी | पर ससुराल में कुछ साल
रहना पड़ता है न इसलिए वह ससुराल में रहती थी और उसका पति शहर में नौकरी करता था | पति
छुट्टियों में गाँव आता था |
बहू ने पीढ़ा
खींचा और बैठ गयी सास और जेठानियों से बात
करते करते |
सास व जेठानी
बिना पीढ़ा के जमीन पर उकडूं बैठे थे |
" बाप ने
यही सिखाया है ....अपने से बड़ों के सामने पीढ़े पर बैठी है ... " कहते हुए
जेठानी उसका पीढ़ा छीन ली |
और आज बात
करते करते उसकी कामवाली जब उसके बगल में बैठ जाती है ..... यह देख वह चुप रह जाती
है |
आज वह
अकेली है ..कामवाली पर निर्भर है ....पर
वह छोटे बड़े का लिहाज और उससे जेठानी का पीढ़ा छीन लेने की घटना …………. उसे भुलाये नहीं भूलती |