Wednesday, January 10, 2018

शिक्षक सदा छात्र है ।


- इंदु बाला सिंह
सरकारी नौकरी लग गई थी । बी एड न करने पर नौकरी छूट सकती थी । दो बेटियों और गर्भवती पत्नी को गांव में छोड़ एक साल की बी एड पढ़ाई आसान न थी । महेंद्र जी हिंदीभाषी प्रदेश के थे और उड़ीसा में उड़िया माध्यम से पढ़ना आसान न था ।
हॉस्टल में उड़िया पसन्द का खाना मिलता था । शाम भर रूममेट गप्पें हांकते थे और रात को पढ़ते थे ।
महेंद्र जी ने अपना समाधान निकाला । जब शाम को रूममेट बातें करते रहते थे तब वे सो जाते थे और भोर भोर जब सब सोये रहते थे तब उनकी पढ़ाई शुरू होती थी ।
आखिर खत्म हुआ बी एड का कोर्स ।
बी एड के बाद भी महेंद्र जी का पढ़ने का शौक बना रहा । अब वे प्राइवेट एम० ए० पढ़ने लगे ।
अब वे अपने बच्चों व पत्नी को अपने साथ ही रखे थे ।
सफल शिक्षक आजीवन छात्र रहता है ।

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