06
January 2017
07:57
रोहन
हमारी गली के पीछे मकान में काम करता था | उसकी
उम्र दस वर्ष के आसपास की थी होगी | गोरा चिट्टा प्यारा सा लड़का था वह | उसका
मालिक अकेले घर में रहता था |
एक दिन वह
हमारे घर में आया और हमसे कहीं काम दिलवा देने के लिये कहने लगा | हमें कामवाले की
जरूरत थी सो हमने उसे अपने ही घर में रख लिया |
दुसरे दिन
रोहन का मालिक हमारे घर पहुंच गया | रोहन उसे वापस चाहिये था | और रोहन छुप गया
हमारे घर की छत पर | वह बिलकुल जाने को तैयार न था अपने पुराने मालिक के पास |
उसका कहना था कि वह मालिक उसे बिजली का शाक देता है |
एक दिन उसने
हमारे घर काम छोड़ दिया और लौट गया अपने गांव अपनी विधवा माँ के पास |
उपरोक्त घटना
के सात साल बाद एक आवाज सुनी मैंने - ' भाभी ! '
मैं मुड़ कर
देखी | रोहन था |
' भाभी आप
यहाँ ? '
मैंने ( मन ही
मन चौंक कर ) हंस कर कहा - ' तुम यहाँ कैसे ? ''
" भाभी !
मैं यहां अपने गाँव का कपड़ा बेचने आया हूं | "