Tuesday, May 26, 2015

TEACHER / STUDENTS -3 खाने में हो सदा मनपसन्द सब्जी




26 May 2015
15:31


-इंदु बाला सिंह 
  1. टीचर ! मेरी मम्मी  को खाना बनाना नहीं आता |

  2. क्यों ?

  3. वो कभी बैंगन की सब्जी बनाती है तो कभी साग | कल कुंदरू बनायी थी और मुझे अपने हाथ से खिला रही थी |

  4. मैं तो वही सब्जी खरीद कर ले जाती हूं घर जो मुझे पसंद हो | कभी कभी अपनी मम्मी की पसंद की सब्जी ले जाती हूं पर उस दिन मेरे पसंद की सब्जी जरूर बनती है |

  5. मैं भी कल से अपने घर की सब्जी खुद खरीद कर ले जाउंगी |


  6. हंस पड़ी अध्यापिका |

Monday, May 25, 2015

आज युवा समझदार हैं ( लघु लेख )


25 May 2015
21:02

-इंदु बाला सिंह

कौन कहता है आज के युवा अधीर होते हैं | अपने कालेज की क्लासमेट हो या जूनियर अगर वे दोस्त हैं तो आठ नौ  साल तक  अपनी अपनी कम्पनी में नौकरी करने के बाद अपना घर बसाते हैं | उनकी दोस्ती या कहिये प्रेम समझदारी से भरा होता है न कि जूनून से |
अलग अलग शहरों में काम करनेवाले मध्यम वर्ग के ये युवा पति पत्नी समझदारी के प्रतीक होते हैं |
अपने हाथों अपना जीवन स्तर सुधारनेवाले ये युवा हमारे देश की कीमती धरोहर हैं |

अब लैला मजनू की कहानियां अजूबी हैं |