15 April
2015
19:58
-इंदु बाला
सिंह
प्रिया
नाम की एक छोटी सी लड़की थी | उसके पिता
नहीं थे | वह अपने नाना के घर रहती थी | उसके नाना का बड़ा सा मकान था शहर में और
उस मकान के पीछे खाली जमीन थी |
प्रिया के
नाना ने उस जमीन पर एक कलमी आम का पेड़ लगा दिया था | उस आम के नीचे बैठ कर प्रिया
पढ़ती थी , खेलती थी , झूला झूलती थी |
आम का पेड़
प्रिया के जीवन का अभिन्न अंग था , यों कहिये वह आम का पेड़ प्रिया का मित्र था |
गर्मियों में
वह पेड़ अपना खट्टा और मीठा फल खिलाता था |
गर्मी की दोपहर में मुहल्ले के बच्चे मकान की चाहरदीवारी फांद कर आते थे और आम तोड़
कर ले जाते थे | चूंकि वह कलमी आम का पेड़ था तो वह छोटा था और फल भी नीचे ही लटके
रहते थे | सभी छोटे बच्चे बड़े आराम से उस पेड़ का फल तोड़ कर ले जाते थे |
एक गर्मी के
इतवार को अपनी चटायी पर लेट कर प्रिया एक कहानी की किताब पढ़ रही थी तभी उसे लगा आम
का पेड़ उससे कुछ बोल रहा है .....
' प्रिया !
तुम चली जाओगी अपने घर और मैं बूढ़ा हो कर मर जाऊंगा लोग मुझे ले जा कर बेच देंगे
बाजार में | मेरा बीज भी तो लोग कूड़े में डाल देते हैं | मेरी संतानें भी नहीं
रहेंगी | '
प्रिया चौंक
गयी | वह सोंची पेड़ कैसे बात कर सकता है | यह तो सच है मौसी अपनी शादी के बाद चली
गयी वह तो आती ही नहीं है | मुझे भी इस घर से नाना नानी जरूर निकाल देंगे | मामा
तो रहता है इस घर में |
आम का पेड़ सही
कह रहा है |
प्रिय ने
सोंचा अगर वह इस पेड़ के पके आम को खा कर उसका बीज पानी से दो कर सुखा कर रख ले तो
जरूर ऐसा ही आम का पेड़ लग सकता है | यह आम
अपने ही छोटे बच्चों में जीवित रहेगा |
पर बीज कहां
लगायेगी वह परेशान हुयी प्रिया |
प्रिया
को अपनी माँ द्वारा सुनायी कहानी याद आयी
जिसमें एक बूढ़ा ट्रेन से बीज फेंका करता था इस आशा में कि पेड़ लगेगा और धरती हरी होगी |
प्रिया ने
सोंचा वह भी ट्रेन से या साईकिल से जहां से गुजरेगी वहां एक एक आम की गुठली फेंक
दिया करेगी | कोई न कोई गुठली पेड़ बनेगी | हो सकता है ढेर सारे पेड़ लग जायें |
और प्रिया तब
से अपने खाये आम की गुठली जमा करने लगी और हर साल बरसात के मौसम में जहां भी जाती है अपने साथ बैग में आम की गुठली
ले कर जाती है |
अब प्रिया खुश
है |
वह सोंचती है
जैसे वह हर साल बड़ी हो रही है वैसे ही
उसके साथ साथ आम के पौधे भी बड़े हो रहे होंगे कहीं न कहीं |
प्रिया की
बांतें सुन कर उसकी माँ हंसती है |
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