08 April
2015
06:25
-इंदु बाला
सिंह
'
आपके फूल के पेड़ के पास सौ का नोट चिंदी चिंदी कर के कौन फेंका है ? ' एक पुरानी
कामवाली गपियाने आयी थी दादी के पास |
' मैं फेंकी |
वो नोट फटा वाला था न | पता नहीं कौन दिया था मुझे | '
' हंय आप नोट
फाड़ के फेंक दीं | '
' बेटा बोलता
- ' कहां से फटा नोट लायी | ' फाड़ के फेंक देना अच्छा है न | वैसे पड़ोसन बोली थी
बैंक में देने से बदल जायेगा | '
' वो तो है |
भैय्या से डर भी तो लगता है | ' कामवाली ने सहानुभूति प्रकट की |
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