03
January 2015
21:15
-इंदु बाला
सिंह
"
अरे ! तुम लोगों ने कैलेंडर उतरा नहीं है अब तक ? ...नया साल शुरू हो गया है न
! " चौथी कक्षा में प्रवेश करते ही मिस शालिनी की कड़क आवाज गूंजी |
हालांकि मिस
ने नकली क्रोध ही व्यक्त किया था |
टीचर जरा
बायीं ओर मुड़ी नहीं कि मनदीप फट से पुराना
कैलेंडर उतार दिया कक्षा की दीवाल से |
" अरे !
मनदीप तुमने कैलेंडर कैलेंडर क्यों उतार दिया ? कल तुम नया कैलेंडर
लाओगे क्या ? " मिस शालिनी फिर कड़की |
" नहीं
मिस | " मनदीप ने ढिठाई से कहा |
वह पुराना कैलेंडर पलट कर मई महीना का पन्ना
निकाला | मई को काट कर उसने जनवरी लिख दिया और
दो हजार चौदह काट कर दो हजार पन्द्रह लिख दिया |
" देखिये
मिस !...ये है दो हजार पन्द्रह का कैलेंडर
| "
मिस शालिनी
चकित थी चौथी कक्षा के छात्र की चतुराई व तेजी पे |
" पर
फरवरी में तो नहीं चलेगा न यह कैलेंडर ! "
अबकी मनदीप
निरुत्तर था |
" हमारे
दूकान में कैलेंडर है मिस ! मैं ला दूंगी | " तरुणा बोली
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