04
November 2014
06:57
-इंदु बाला
सिंह
गैस
सिलिंडर देने आये हाकर ने दरवाजा खुलते ही कहा -
' राधे ! राधे
! '
नमस्कार की
जगह यह अप्रत्याशित स्लोगन सुन चौंकी मैं |
' राधे !राधे
! '
उत्तर तो दे
दिया मैंने तुम्हारा पर - हवा का यह कैसा रुख हुआ ?
सोंच में पड़
गयी थी मैं |
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