Sunday, May 4, 2014

टेरेस का गमला


05 May 2014
09:47
       -इंदु बाला सिंह

" मेरा बेटा नवीं कक्षा में है ..... सुधान्सु नाम है ...क्लास में कैसा है वह ?....... मुझे तो बड़ी चिंता रहती है उसकी ..... एक बार किसी लड़की के चक्कर में पड़ गया वो तो हो जायेगी उसकी पढाई गोल .... " छोटे कक्षा में पढ़ानेवाली सीनियर शिक्षिका  सुश्री सुचिता वर्मा ने विद्यालय में नई ज्वाईन की से पूछा |
दोनों का खाली पीरियड आज एक साथ था |
नई शिक्षिका दिव्या शर्मा को अपनी सहकर्मी का यह प्रश्न हतप्रभ कर गया |
" क्या समय आया है ....... मेरी माँ हमेशा मेरी चिंता करती रहती थी ....अरी ! तू तो लड़की है न इसलिए तेरी चिंता करती रहती हूं ..... बेटा रहता तो मैं निश्चिन्त रहती ,,, " माँ का परेशान चेहरा और चिंतातुर चेहरा कौंध गया दिव्या की आँखों के सामने |
" अरे ! नहीं नहीं ... वो तो बड़ा शांत और पढ़ाकू है ..... मेरी कक्षा में तो एकदम शांत रहता है .... " दिव्या ने मुस्कुरा कर उत्तर दिया |


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