Tuesday, April 22, 2014

माँ की पाकेट मनी


23 April 2014
09:30
  1. इंदु बाला सिंह

" मेरे हसबैंड तो हर महीने एक हजार रूपये अपनी माँ के नाम ट्रांसफर कर दे ते हैं .... और माँ पैसे मिलते ही मछली खरीदती है और बेटी को सपरिवार बुला लेती है ...सब पैसे उस पर खर्च डालती है | " मुंह बनाते हुए मिसेज वर्मा ने कहा |
" आपकी ननद पास में ही रहती है ? " मैंने कौतुहल से पूछा |
" हां .... हमलोगों  में तो रिश्तेदारी में शादी होती है न ..... मेरे ससुराल में कमी नहीं है ...कितने नारियल के पेड़ हैं  ...फिर भी मेरे हसबैंड पैसे भेजते हैं माँ को | "
मिस्टर वर्मा के पिता बचपन में गुजर गए थे | अपने विवाह का पूरा कार्यक्रम खुद अपने कन्धों पर उठाया था उन्होंने | 
अकेली सास दक्षिण के सुदूर गाँव में रहती थी | उसका सहारा उसकी बेटी का ही परिवार था |

" आखिर उतरती दुल्हन अपनी अकेली  सास के प्रति इतनी निस्पृह कैसे हो पाती है .." मैं चकित हो सोंची |

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