वार्षिक
परीक्षाएं चल रही थीं |
आज अंग्रेजी
का पेपर था | पेपर खत्म होने को बस बीस मिनट ही बाकी थे | सब परीक्षार्थी का ध्यान
अपनी उत्तर पुस्तिका में डूबा था |
क्लास के
सन्नाटे को भंग करते हुए एक कबूतर न जाने कहाँ से उड़ता आया और क्लास के पंखे से जा
टकराया |
टीचर के टेबल
पर पड़ा सफेद पन्ना खून के छींटे से रंग गया |
क्लास सन्न रह
गयी |
" टीचर !
मैं इस कबूतर को घर ले जाऊंगा | मेरे पिता पशु अस्पताल में डाक्टर हैं | मैं इसका
इलाज करवाऊंगा | " परीक्षा खत्म होने पर आठवीं कक्षा के छात्र सुमित ने घायल कबूतर को उठाते हुए
कहा |
" ठीक है
| " शिक्षिका ने कापी का बंडल धागे से बांधते हुए कहा |
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