दो
बकरियां थीं | वे दोनों नदी के विपरीत
किनारों से पुल पर चढीं थीं | चलते चलते जब वे एक दुसरे के सामने आयीं तब उन्हें
लगा कि पुल तो संकरा है |
दोनों बकरियों
ने कुछ देर सोंचा ...फिर एक बकरी बैठ गयी पुल पर और दूसरी बकरी उसके पीठ पर पैर रख
पार हो गयी |
इस कहानी के पहले भाग मे दोनों बकरियाँ अपने अहं के कारण नदी मे गिर जाती है
ReplyDelete