Friday, September 6, 2013

चाभी

" बेटा ! लाकर की चाभी कहां रख कर गये ? " सुनीता देवी परेशान हो कर बोली |
" क्या करोगी लाकर की चाभी ? " फोन से आवाज आयी दिवेश की |
" मुझे दूसरा कान का पहनना है | "

फोन कट गया |

पिता  के गुजर जाने के बाद उसकी अलमारी दिवेश ने ठीक से जमा दिया था | अब आलमारी के लाकर की चाभी जिसमें सुनीता देवी ने अपने जेवर रखे थे मिल ही नहीं रही थी |


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