दो कमरे का घर
भाड़े पर लेकर श्रीधर सर अकेले रहते थे |
श्रीधर सर के
घर के दो गली पीछे उनकी बेटी अपने पति व बच्चों के साथ रहती थी और बेटा अपनी पत्नी
और बच्चों के साथ दुसरे शहर में रहता था |
श्रीधर सर की
दुनिया उनके अपने ट्यूशन के बच्चे ही थे | बच्चे
ही उनके मित्र और सम्बन्धी थे |
उन्हें वे पिकनिक भी ले जाते थे |
" दीदी
श्रीधर सर को न रात को दिल का दौरा पड़ा था | मेरा भाई उस समय उनसे ट्यूशन पढ़ रहा
था | रात को सब ट्यूशन के छात्रों ने मिल
कर उन्हें अस्पताल में भर्ती किया था और उनकी बेटी को खबर भी कर दिया था | "
एक बच्चे ने स्मिता से कहा |
स्मिता उस
बच्चे की बातें सुन सोंचती रह गयी ...फिर
उसने सोंचा .....चलो श्रीधर सर को किसी पर निर्भर तो न रहना पड़ा |
No comments:
Post a Comment