Sunday, August 18, 2013

पिता की निशानी है मकान

एक मकान दावेदार पांच - दो बेटे व तीन बेटी थे | मकान के पाँचों हकदार थे |

माता पिता की मृत्यु के पश्चात एक पुत्र चाहता था कि मकान बिक जाए व पैसे मिल जायें | यह वही कमाऊ पुत्र था जो अपनी मनमर्जी से एक कमाऊ लड़की से विवाह कर माता पिता से लड़ लिया और  घर कभी नहीं लौटा था | हां पिता की मृत्यु पर वह सपरिवार आया था पर माता की मृत्यु पर अकेले |

" हम मकान नहीं बेचेंगे | यह हमारे माता पिता की निशानी है | " चारों भाई बहन बोल पड़े |
चारों  ने मिल कर अदालत में केस ठोंक दिया पांचवें के विरुद्ध |
" कोर्ट करेगी न फैसला ! " अब पांचों निश्चिन्त हैं |


पांचों अलग अलग शहर में रहते हैं और तारीखें पड़ती रहती रहती हैं कोर्ट की |

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