Thursday, July 4, 2013

बुढ़ापा

" सुपू ! सुपू ! " नानी की आवाज दुसरे कमरे से आयी |
परेशान हो अपने बगल के बिस्तर में सोयी  अपनी माँ को देखा उसने |
इसी तरह उसके नाना भी आवाज लगाते थे अपने  बगल में सोये अटेंडेंट के न उठने पर |
परेशान थकेहाल माँ उसकी माँ बीमार पड़ जाती थी और उसे अपनी माँ को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ता था | खर्च तो होता ही था परेशानी अलग से होती थी उसे |
" सुपू ! सुपू ! "
उसने देखा कि उसकी माँ बेसुध सो रही थी |
उसे भय था कि अगर अभी माँ जग जायेगी तो उसे अनिद्रा हो जायेगी |
" कर र र .. " अलार्म बजा |
जल्दी से उसने अलार्म बंद किया और मन ही मन अपने अपने शहरों में स्थित नानी के बेटे बहुओं के लिए उसने अपशब्द निकाले और बाथरूम में घुस गयी वह |

उसे ड्यूटी जाने की जल्दी थी |

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