" सुपू ! सुपू ! " नानी की आवाज दुसरे कमरे से
आयी |
परेशान हो
अपने बगल के बिस्तर में सोयी अपनी माँ को
देखा उसने |
इसी तरह उसके
नाना भी आवाज लगाते थे अपने बगल में सोये
अटेंडेंट के न उठने पर |
परेशान थकेहाल
माँ उसकी माँ बीमार पड़ जाती थी और उसे अपनी माँ को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ता
था | खर्च तो होता ही था परेशानी अलग से होती थी उसे |
" सुपू !
सुपू ! "
उसने देखा कि
उसकी माँ बेसुध सो रही थी |
उसे भय था कि
अगर अभी माँ जग जायेगी तो उसे अनिद्रा हो जायेगी |
" कर र र
.. " अलार्म बजा |
जल्दी से उसने
अलार्म बंद किया और मन ही मन अपने अपने शहरों में स्थित नानी के बेटे बहुओं के लिए
उसने अपशब्द निकाले और बाथरूम में घुस गयी वह |
उसे ड्यूटी
जाने की जल्दी थी |
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