सातवीं में पढ़ता था सिद्धार्थ | वह अपनी माँ , नाना , नानी और विदेश में रहनेवाले मामा , मामी को ही अपना समझता था | वह सोंचता था कि उसके पिता कमाने के लिये दूर कहीं गये हैं और वे ढेर सारा पैसा कमा कर लायेंगे |
वह नाना के घर में अपनी माँ और नानी के साथ रहता था |
सिद्धार्थ की माँ श्क्षिका थी | वह सिद्धार्थ को अपने साथ ही स्कूल ले जाती थी | माँ के स्कूल में पढ़ने के कारण उसकी स्कूल फीस माफ़ थी |
नानी हमेशा उसे सिखाती थी की उसे बड़े होकर अपनी माँ और नानी की देखभाल करनी है |
पर सिद्धार्थ का बालमन नहीं मानता था नाना के देखभाल करने के लिए |
" भला क्यों ? नाना तो कमाते हैं ..उनकी क्यों देखभाल करूं मैं | .......मेरे पापा कब आयेंगे ? " सिद्धार्थ आये दिन अपनी माँ से प्रश्न करता रहता था |
और नाना की मौत के बाद उनकी वसीयत खुली तो उसमें सिद्धार्थ के नाम की एक पाई भी नहीं थी |
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