Friday, June 28, 2013

बुद्धू ( लोक कथा )

एक घर में एक दस साल का लड़का और उसकी माँ रहते थे | गाँव वाले उसे बुद्धू के नाम से पुकारते थे |
एक दिन उसकी माँ को बुखार आया | माँ का बदन गर्म देख कर वह डर गया | उसे समझ नहीं आया कि अब वह क्या करे | फिर एकाएक उसे याद आया कि जब उसकी टांगी धूप में पड़ी पड़ी गर्म हो गयी थी तब उसने टांगी को रस्सी से बांध कर कूएं में डुबा दिया था | कूंए से निकलने पर टांगी की गर्माहट खत्म हो गयी थी | बस उसने माँ के कमर में मजबूती से रस्सी बांधी और उसे कूंए में डाल दिया | कुछ देर तक वह माँ को डुबाये रखा और फिर उसे बाहर निकल दिया | अब वह यह देख कर वह हैरान हो गया कि उसकी माँ की गर्दन लटक गयी है | 
वह बैठकर जोर जोर से रोने लगा | 
उसकी माँ  मर चुकी थी |

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