स्कूल
की गली खचाखच छात्रों से भरी थी | प्रतिदिन
ओवर लोडेड आनेवाला ऑटो रिक्शा बच्चों को गली के मुहाने से ही छोड़ कर भाग रहा था |
एक ट्रैफिक
पुलिस एक मोटर साईकिल सवार छात्र का पीछा करते गुजरा उसके बगल से और स्कूल गेट के
सामने उस छात्र को रोक दिया | पल भर में तीन चार ट्रैफिक पुलिस और आठ दस खाकी वर्दीधारी पुलिस मोटर साईकिल पर
दनदनाते हुए आये और मोटर साईकिल सवार छात्रों से मोटर साईकिल और स्कूटी वालों से
स्कूटी चाभी समेत ले कर रख लिए | जिनकी मोटर साईकिल छिनी गयी थी उनके मित्र अभी
स्कूल आ रहे थे | उन छात्र मित्रों को छात्रों ने यह खबर मोबाइल से पहुंचा दी | वे
पेट्रोल पम्प के पास ही गाड़ी छोड़ कर आ गये
|
प्लस टू के छात्रों को बिना गीयर वाली गाड़ी
चलाने का लाइसेंस मिलता है | हेलमेट पहनना भी जरूरी है |
मोटरसाइकिल वो भी बिना हेलमेट के चलाना तो हिरोगिरी रहती है न |
बच्चे परेशान
हो टीचरों से प्रश्न पूछने लगे ...
" टीचर !
हम लोगों को गाड़ी मिल जायेगी न |.. " घर में डांट का भय था उन्हें |
इसी बीच
प्रार्थना की घंटी बज गयी |
स्कूल की
प्रार्थना खत्म हुयी |
माइक पर
प्रिसिपल की आवाज गूंजी ....
" जिन
बच्चों की गाड़ी सीज हुयी है ट्रैफिक पुलिस के थाना से अपने माता पिता के साथ जा कर
वापस पा सकते हैं | ..... और जिन्होंने गाड़ी पेट्रोल पम्प के पास रखा है वे याद
रखें कि पेट्रोल पम्प गाड़ी स्टैंड नहीं है | "
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