पार्क में वह टहल रही थी |
सात , आठ कक्षा के बच्चे फूटबल खेलने के लिये रंग बिरंगी कूप्पियों से घेरा बना रहे थे |
इसी बीच एक लड़के की आवाज आई ...
" अबे मादरचोद ! ...कैसे लगा रहा है कुप्पी ? "
" बहनचोद !...लौड़ा के !....ठीक से घेरा भी नहीं बना सकता ? "
प्रत्युत्तर कुछ नहीं आया |
सात , आठ कक्षा के बच्चे फूटबल खेलने के लिये रंग बिरंगी कूप्पियों से घेरा बना रहे थे |
इसी बीच एक लड़के की आवाज आई ...
" अबे मादरचोद ! ...कैसे लगा रहा है कुप्पी ? "
" बहनचोद !...लौड़ा के !....ठीक से घेरा भी नहीं बना सकता ? "
प्रत्युत्तर कुछ नहीं आया |
No comments:
Post a Comment